संघर्षों में निराश मत होना : पास्टर जोयल एच. लिडिल

मसीह में प्रिय भाइयों व बहनों, हमारे उद्धारकर्ता, जीवित और जल्द आने वाले प्रभु यीशु मसीह में आप सब को प्रेमी सलाम|
मसीह में आशा करता हूँ की आप सभी अपने अपने स्थान में कुशल व आशीषित होंगे |


प्रियों हम लोग इस साल के आखरी भाग में आ गये है, कुछ ही दिनों में हम नये साल 2024 का स्वागत करने जा रहे है| उस नये साल में नयी आशीषें, नया अनुग्रह, नयी योजनायें परमेश्वर ने हमारे लिए रखी है और हमें विश्वास है की परमेश्वर हमारे जीवन में इन सब बातों को जरूर पूरा करेगा | लेकिन आज की सुबह एक बार हमें पीछे मुड़कर देखने की जरूरत है, पिछले दिनों में कई उतार चढ़ाव हमारे जीवन में आये परन्तु परमेश्वर ने हमें हर परिस्थिति में संभाला, हमें ले के चला, हर संघर्षों में वो हमारे साथ रहा इसलिए आज हमें परमेश्वर को दिल से धन्यवाद देना है |
ऐसा नहीं है की आने वाले सालों में हमारे जीवन में संघर्ष नहीं आयेंगे……आयेंगे, हो सकता है की पहले से कठीन और अलग संघर्ष हमारे जीवन में आयें. लेकिन एक बात हमेशा याद रखना आपका परमेश्वर हमेशा आपके साथ रहेगा और इन संघर्षों को वो आपकी आशीषों में बादल देगा |


कभी कभी हम अपने जीवन के संघर्षों को देख कर हताश निराश हो जाते है, दुखी हो जाते है और खुदा से सवाल करते रहते है “ खुदा मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ ?”

प्रियों, मै एक कहानी आपको बताना चाहता हूँ जिसने आज सुबह मुझे ये सब सोचने पर मजबूर कर दिया और इन्ही सब बातों को में आपको लिख रहा हूँ |
एक समय की बात है, एक बहुत वृद्ध आदमी था | उसके के पास एक छोटा सा झोपडानुमा घर था और थोड़ी सी जमीन थी | परिवार का कोई सदस्य उसके साथ नहीं रहता था, कोई उसे सँभालने वाला नहीं था | बड़ी कठिनाई और संघर्षों से वो अपना जीवन बिता रहा था |
एक दिन उसके मन में एक विचार आया की में वृद्ध हो गया हूँ तोभी मै हिम्मत करके इस खाली पड़ी ज़मीन में एक फलदायक पेड़ लगाऊँगा|
उसने हिम्मत करके एक पौधे को लगाया | प्रतिदिन वो उसे पानी देता, समय पर खाद देता, उसकी अच्छे से देखभाल करता था| रोज उस पोधे को देख कर वो मन ही मन आशा करता था कि “एक दिन ये पौधा पेड बनेगा, इसमें फूल आयेंगे, फल आयेंगे और मेरा परिश्रम सफल हो जायेगा |”
समय बीतता गया और वो पौधा पेड़ बन गया | एक दिन उस पेड़ में फूल आये फिर फल आये | ये देख कर वो वृद्ध व्यक्ति बहुत खुश हो गया, उसने सोचा में इन फूल और फल को बेचूंगा और अब मेरे दुःख सब दूर हो जायेंगा | लेकिन वो ख़ुशी ज्यादा देर नहीं रही| उसी शाम एक बहुत बड़ा तूफान आया और उस व्यक्ति के पेड़ को उखड के फेंक दिया, हर जगह उस पेड़ के फल, फूल, लकड़ियाँ बिखर गयी | वो पेड़ पूरी तरह तबाह हो गया था | जब वो वृद्ध व्यक्ति बहार आकर देखता है तो उसका ह्रदय टूट जाता है. उसकी सारी आशा, उसकी सारी मेहनत, उसकी सारी योजनायें उस बिखरे पेड़ के रूप में बिखरी पड़ी थी. एक शुन्यता की अवस्था उस जगह थी.
यह सब देख वो व्यक्ति खुदा के सामने रो पड़ा और बस यही सवाल पुछा “खुदा यह सब मेरे साथ ही क्यों हुआ?” फिर भी वो हर बात के लिए खुदा को धन्यवाद देता है खुदा के साथ अपना जीवन जीने लगता है |
धीरे धीरे समय बीतता गया| वो व्यक्ति अपनी सामान्य जिन्दगी में वापस आ गया| एक दिन सुबह वो अपने घर से बाहर आया तो उसने देखा उसकी ज़मीन में बहुत सारे छोटे छोटे पेड़ उगे हुए है | उसने फिर से अपनी सारी ताकत को समेटा और और उन पोधों की देखभाल करने लगा| समय बीतता गया वो पोधे पेड़ बन गये उनमे फूल आने लगे उसमे फल आने लगे धीरे धीरे उसका बगीचा फलों की खुशबू से भर गया | पहले उसके पास एक ही पेड़ था जिसके बर्बाद होने की वजह से वो रो रहा था आज उसकी जमीन में अनगिनित पेड़ थे जो सिर्फ फूलों से नही पर फलों से लबालब भरे हुए थे | अब वो दुखी नहीं है निराश नहीं है परन्तु एक आशिषित व्यक्ति बन गया है, वो खुदा को इन सब बातों के लिए धन्यवाद देता है | जो साथी, परिवार के लोग उसकी विपरीत परिस्थिति में उसे छोड़ के चले गये थे वो भी वापिस उसके पास लौट के आने लगे, क्योकि अब वो आशिषित व्यक्ति बन गया है |
क्या आपने सोचा कि ये सब कैसे हुआ ? इतने पोधे कैसे एक साथ उस ज़मीन पर उग गये ? वो अकेला तो इतने पोधे लगा नहीं सकता था? लेकिन ये सब कैसे हुआ ? प्रियों वो वृद्ध व्यक्ति जो नहीं कर सकता था उन बातों को उसका और हमारा जीवित परमेश्वर असंभव से सम्भव कर सकता है | प्रियों जिस शाम वो तूफ़ान आया उस समय वो पेड़ पूरी तरह तबाह हो गया था परन्तु उस पेड़ में फल थे, उनमे नये पौधे बनाने की बीज थे, उनमे जीवन था | उस तूफान में वो बीज उस पूरी जमीन पर बिखर गये| उन बीजों मे जीवन था वो नये पोधों के रूप में अनगिनित संख्या में उग गये |
यहाँ दो बातें थी पहला उस व्यक्ति में विश्वास का जीवन था और उसके लगाये पेड़ के फलों के बीज में जीवन था |
इसी प्रकार मेरे प्रियों, जिंदगी की परेशानियों संघर्षों को देख कर कभी निराश हताश मत होना, कभी परमेश्वर से ये मत कहना मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ? बस अपने उस संघर्षों में विश्वास में बने रहकर खुदा के साथ चलते रहना, वो आपके साथ है वो आपकी कहानी बदल देगा| वो आपके संघर्ष को आनन्द में बदल देगा | बस आपका आत्मिक जीवन जीवित होना है और जीवन देने वाले आत्मा के फल आपके जीवन में हमेशा होना है | परमेश्वर के समय में परमेश्वर सब अच्छा करेगा |
परमेश्वर ने ये फल हमें इसलिए दिए है की हम फलदायी हो सकें |
हमारे और उसके सोचने में फर्क है| हमारे लिए उसके पास एक योजना है और वो समय पर पूरी करेगा | इसमें संघर्षों का सामना करना पड़ेगा परन्तु परमेश्वर हमारे संघर्षों को आनन्द में बदल डालेगा | बस इस संघर्षों के समय अपमे आत्मिक जीवन को जीवित और फलदायक बनाये रखना |

अकेले भी क्यों न हो, मसीह में बने रहना, उसको आपका सोच है |
प्रभु आप सब को आशीष दे |

प्रभु की सेवा में
पास्टर जोयल एच. लिडिल

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