मानवाधिकार समूह के अनुसार, पाकिस्तान में एक 18 वर्षीय ईसाई घरेलू कामगार लड़की उसके घऱ के मालिक द्वारा इस्लाम में धर्मांतरित करने की मांग को स्वीकार ना करने के लिए प्रताड़ित किया गया।
अनिका शहजाद को इस महीने की शुरुआत में पीटा गया था, कुछ दिनों के पहले उसने इस घर में एक लिव-इन सेवक की नौकरी ली।
चैरिटी की रिपोर्ट है कि शहजाद एक गरीब परिवार से आते हैं और उन्होंने मुस्लिम परिवार के लिए घरेलू नौकर के रूप में नौकरी स्वीकार की, जो प्रति माह लगभग 30 डॉलर का भुगतान करता था।
लेकिन उसके द्वारा नियोजित परिवार के सदस्यों द्वारा मसीह को छोड़ने और इस्लाम का पालन करने के लिए दबाव डाले जाने के बाद, शहजाद ने परिवार को बताया कि उसने नौकरी छोड़ने का फैसला किया है।
उसके नौकरी छोड़ने के फैसले से परिवार के सदस्य नाराज हो गए और उन्होंने शहजाद की पीटना शुरू कर दिया। पिटाई के बाद शहजाद को फिरोजवाला में उसके माता-पिता के घर ले जाया गया।
नियोक्ता ने लड़की के पिता को बताया कि उसे पैसे चुराने के लिए पीटा गया था। बच्ची को चिकित्सा के लिए ले जाने के बाद, उसके माता-पिता ने सवाल किया कि उसे क्यों पीटा गया तब उसने अपनी आपबीति परिवार जनों को बताई।